उप चुनाव में निष्पक्ष चुनाव को प्रभावित करने वाली सभी समाचारों पर सतर्कता रखी जाये - अपरजिलाधिकारी न्यायिक
सहारनपुर : गंगोह उप चुनाव में कोई भी व्यक्ति ऐसी कोई निर्वाचन पुस्तिका या पोस्टर आदि सामग्री जिसके मुख्य प्रष्ठ पर उसके मुद्रक व प्रकाशक के नाम व पते ना हो, को न मुद्रित या प्रकाशित करेगाप्रभारी अधिकारी (एमसीएमसी)/अपरजिलाधिकारी न्यायिक सुश्री शेरी की अध्यक्षता में उनके कार्यालय कक्ष में मीडिया प्रमाणीकरण एवं मानीटरिंग कमेटि की बैठक सभी सदस्यों के साथ आयोजित की गयी। बैठक में उन्होने कहा कि सभी सदस्य प्रिन्ट व इलैक्ट्रानिक मीडिया में राजनैतिक दलों द्वारा दिये जा रहे विज्ञापनों पर कडी नजर रखेंगे व विज्ञापनों की प्रेस कतरने काटकर संबंधित राजनैतिक पार्टी के खर्चे में जोडेंगे। उन्होने कहा कि 07-गंगोह उप चुनाव में निष्पक्ष चुनाव को प्रभावित करने वाली सभी समाचारों पर सतर्कता रखी जाये। इसके अलावा फेसबुक, व्हाटसऐप, टवीटर, यू-टयूब, ब्लफ मैसेज, सोशल मीडिया, रेडियो, एसएमएस के अलावा सिनेमा हाल पर भी प्रचार सामग्रियों पर कडी निगरानी रखी जाये। उन्होने कहा कि स्थानीय चैनलों पर भी नजर रखी जाये। किसी भी दशा में 07-गंगोह विधानसभा का उपचुनाव की निष्पक्षता प्रभावित न होने पाये।
सुश्री शेरी ने कहा कि सभी सदस्य व मीडिया प्रमाणीकरण एवं मानीटरिंग कमेटी में लगे कर्मी निर्धारित स्थल पर बैठेंगे और जनपद के सभी समाचार पत्रों, पत्रिकाओं में राजनैतिक दलों द्वारा प्रकाशित विज्ञापनों पर पूरी संवेदनशीलता के साथ नजर रखेंगे। एमसीएमसी कमेटी समस्त मीडिया में निकलने वाले समाचारों, विश्लेषण आदि का दैनिक परीक्षण करेगी। यदि कोई न्यूज, संदिग्ध पेड न्यूज का प्रकरण प्रकाश में आता है तो कमेटी तत्काल आर0ओ0 को संज्ञानित करेगी। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-127क के तहत कोई भी व्यक्ति ऐसी कोई निर्वाचन पुस्तिका या पोस्टर आदि सामग्री जिसके मुख्य प्रष्ठ पर उसके मुद्रक व प्रकाशक के नाम व पते ना हो, को न मुद्रित या प्रकाशित करेगा और न ही मुद्रित या प्रकाशित कराएगा। उन्होेने कहा कि 127-क लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा के तहत कोई भी प्रचार सामग्री अगर छपेगी तो उसमें प्रिन्टर्स और पब्लिशर्स का नाम और पता आवश्यक है। पब्लिशर्स जब प्रिन्टर को प्रचार सामग्री देगा तो उसके साथ एक घोषणा पत्र भी देना होगा जो दो गवाहों द्वारा सत्यापित होना चाहिए। साथ ही प्रिन्टर घोषणा पत्र के साथ-साथ कितनी संख्या में प्रचार सामग्री प्रिन्टर ने छापी, कितना खर्च आया इसकी भी सूचना मुख्य निर्वाचन अधिकारी एवं संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी को पहले से ही देगा। अन्यथा की स्थिति में 6 माह जेल या दण्ड या दोनो का प्राविधान है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 127क के अधीन कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार के चुनावी पैम्पलेट या पेास्टर, हैण्डबिल या अन्य दस्तावेज प्रकाशक व मुद्रक के नाम, पता वर्णित किए बिना और प्रकाशक की घोषणा, जो कि दो व्यक्तियों द्वारा अनुप्रमाणित की गई हो, प्राप्त किए बगैर निर्वाचन के लिए न तो प्रकाशित व मुद्रित करेंगे और न ही मुद्रण या प्रकाशन कारित करेंगे। यह ऐसे प्रेस की जिम्मेदारी है कि वह दस्तावेज के मुद्रण के बाद युक्तिसंगत समय के भीतर जिला निर्वाचन अधिकारी/मुख्य निर्वाचन अधिकारी को दस्तावेज की प्रति के साथ घोषणा की प्रति सौंपे।
उन्होेने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार 07-गंगोह विधान सभा उप निर्वाचन-2019 के दौरान राजनैतिक दलों, निर्वाचन लडने वाले अभ्यर्थियों द्वारा प्रकाशित कराये जाने वाले विज्ञापनों इत्यादि के संबंध में पेड न्यूज जांच के मापदण्ड के संबंध में सभी सदस्य नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे। उन्होने इस मौके पर सदस्यों को विभिन्न धाराओं की जानकारी देते हुए कहा कि 171-एच आई0पी0सी0 धारा के तहत बिना अभ्यर्थी या राजनैतिक पार्टी के सहमति या जानकारी के बगैर कोई भी प्रचार सामग्री नहीं छापेगा। कोई भी प्रचार सामग्री अभ्यर्थी के सहमति के बिना छापा जाता है तो 171-एच आई0पी0सी0 की धारा के तहत कार्यवाही होगी।
इस मौके पर एमसीएमसी के सदस्य वीरेन्द्र आजम, सुरेन्द्र चैहान, सहायक निदेशक सूचना सुधीर कुमार आदि मौजूद रहे